1. बजट 2016-17 मेंइनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में सर्विस टैक्स को 14.5 फीसदी को बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है। बजट में 0.50 फीसदी का अतिरिक्त एग्रीकल्चर कल्याण सेस लगाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा की कस्टम्स एक्ट में संशोधन किया जाएगा।
आयकर अधिनियम की धारा 87ए (Section 87A) के तहत दी जाने वाली कटौती की सीमा को 2,000 रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया है। धारा 87ए के तहत पांच लाख रुपये से कम कर योग्य आय वाले अपने देय कर में से 2,000 रुपये घटा दिया करते थे, और अब वे 5,000 रुपये घटाया करेंगे। वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार, इस कदम से दो करोड़ करदाता लाभान्वित होंगे।
2. बजट में ईपीएफ और पेंशन योजना में सर्विस टैक्स से छूट दी गई है। इस बजट में वित्त मंत्री ने देश के अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूलने का इंतजाम किया है। अब एक करोड़ से ज्यादा की आमदनी पर सरचार्ज को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है। ज्वेलरी पर 1% टीडीएस काटने का एलान भी किया गया हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जिनके पास पैन कार्ड नहीं है, उनका टीडीएस अब ज्यादा नहीं कटे, इसके लिए नियमों में बदलाव किया जाएगा। टैक्स मामलों के जल्द निपटारे के लिए 11 नए टैक्स ट्राइब्यूनल्स का गठन किया जाएगा। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 13 अलग-अलग सेस खत्म किए गए हैं।
3.पेट्रोल और सीएनजी वाहनों पर 1% अतिरिक्त टैक्स लगेगा साथ ही एसयूवी पर 4% टैक्स बढ़ाने का एलान भी बजट में किया गया हैं।
4. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में काला धन रखने वालों के लिए एक नई क्षमा योजना की घोषणा की। इसके तहत कुल बेहिसाबी धन का 45 फीसदी भुगतान कर ऐसे लोग साफ बच सकते हैं। लोकसभा में 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि काला धन रखने वालों के लिए नई क्षमा योजना लागू की जाएगी।
जेटली ने कहा कि सरकार ने एक अनुपालन खिड़की की व्यवस्था की है। यहां घरेलू करदाता पहले कर नियमों को तोड़कर जमा किए गए अपने काले धन की घोषणा कर सकते हैं। इसके अलावा कुल रकम का 45 फीसदी भुगतान (30 फीसदी कर, 7.5 फीसदी सेस और 7.5 फीसदी जुर्माना) अदा कर ब्लैक मनी का व्हाईट कर सकते हैं। जेटली ने कहा कि इस योजना के तहत आय की जो घोषणा की जाएगी उसके बारे में आय कर अधिनियम या संपत्ति कर अधिनियम के तहत कोई जांच या पूछताछ नहीं होगी। साथ ही घोषणा करने वालों के खिलाफ भी कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। इतना ही नहीं बेनामी लेन-देन अधिनियम 1988 से भी बचाव का प्रस्ताव इस योजना के तहत किया गया है।
5. वित्त मंत्री के अनुसार वित्त वर्ष 2016 में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ 9.2 फीसदी और जीडीपी ग्रोथ 7 से 7.75% रहने का अनुमान हैं।
6. देश के वित्तीय बजट में इस बार किसानों और कृषि पर केंद्र सरकार ने खासा जोर दिया है। ग्रामीण विकास के लिए बजट में कुल 87 हजार 765 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की गई है, वहीं कृषि और किसान कल्याण के लिए 35,984 करोड़ रुपए का आवंटन इस बजट में किया गया है। इसके अतिरिक्त नाबार्ड में लगभग 20, 000 करोड़ रुपए की प्रारंभिक निधि से सिंचाई निधि बनाने की योजना, मनरेगा के तहत वर्षा वाले इलाकों में 5 लाख फार्म तालाबों, कुओं का निर्माण करना सरकार के लक्ष्य में रखा गया है।
7. वित्त मंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को मिशन मोड में लागू किया जाएगा। वित्त मंत्री ने मनरेगा के लिए 38,500 करोड़ की धनराशि आवंटित की हैं। इतनी धनराशि कभी भी मनरेगा के लिए आवंटित नहीं की गई है। इस बजट का सरकार का कृषि पर खासा जोर रहा है। पीएम ग्राम सड़क योजना के लिए 19 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। 1 मई 2018 तक सरकार ने गावों में 100 फीसदी विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। 5 साल में सिंचाई योजनाओं पर 86500 करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव भी बजट में किया गया है। डिजिटल लिट्रेसी मिशन, डिजिटल साक्षरता अभियान के अंतर्गत 3 साल में ग्रामीण लोगों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान की जायेगी। बजट में स्वच्छ भारत अभियान के लिए 9 हजार करोड़ का प्रावधान हैं।
8. बजट में ऐलान किया गया है कि अगले तीन सालों में 5 लाख एकड़ कृषि भूमि को जैविक खेती के अंतर्गत लाया जाएगा। इसके साथ ही, 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार अपने प्रयासों को नए सिरे से तैयार करेगी। वित्त मंत्री ने पीएम फसल बीमा योजना का जिक्र भी अपने बजट में किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत नाम मात्र के प्रीमियम पर सबसे ज्यादा क्षतिपूर्ति किसानों को दी जाएगी। पीएम फसल बीमा योजना के लिए 2016-17 में 5500 करोड़ रुप
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