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IMPORTANT FOR SSC EXAMS
1. भारतीय रुपया 1957 तक तो 16 आनों में विभाजित रहा, परन्तु उसके बाद (1957 में ही) उसने मुद्रा की दशमलव प्रणाली अपना ली और एक रुपये की गणना 100 समान पैसों में की गई।
2. महात्मा गांधी वाले कागजी नोटों की शृंखला की शुरूआत 1996 में हुई, जो आज तक चलन में है।
3. नोटों के एक ओर सफेद वाले भाग में महात्मा गांधी का वाटर मार्क बना हुआ है।
सभी नोटों में चांदी का सुरक्षा धागा लगा हुआ है जिस पर अंग्रेज़ी में आरबीआई और हिंदी में भारत अंकित है। प्रकाश के सामने लाने पर इनको देखा जा सकता है।
4. पांच सौ और एक हज़ार रुपये के नोटों में उनका मूल्य प्रकाश में परिवर्तनीय स्याही से लिखा हुआ है। धरती के समानान्तर रखने पर ये संख्या हरी दिखाई देती हैं परन्तु तिरछे या कोण से देखने पर नीले रंग में लिखी हुई दिखाई देती हैं।
नोट पर भाषाएँ
भारतीय रुपये के नोट के भाषा पटल पर भारत की 22 सरकारी भाषाओं में से 15 में उनका मूल्य मुद्रित है। ऊपर से नीचे इनका क्रम इस प्रकार है – असमिया, बंगला, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु और उर्दू।
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1. भारतीय रुपया 1957 तक तो 16 आनों में विभाजित रहा, परन्तु उसके बाद (1957 में ही) उसने मुद्रा की दशमलव प्रणाली अपना ली और एक रुपये की गणना 100 समान पैसों में की गई।
2. महात्मा गांधी वाले कागजी नोटों की शृंखला की शुरूआत 1996 में हुई, जो आज तक चलन में है।
3. नोटों के एक ओर सफेद वाले भाग में महात्मा गांधी का वाटर मार्क बना हुआ है।
सभी नोटों में चांदी का सुरक्षा धागा लगा हुआ है जिस पर अंग्रेज़ी में आरबीआई और हिंदी में भारत अंकित है। प्रकाश के सामने लाने पर इनको देखा जा सकता है।
4. पांच सौ और एक हज़ार रुपये के नोटों में उनका मूल्य प्रकाश में परिवर्तनीय स्याही से लिखा हुआ है। धरती के समानान्तर रखने पर ये संख्या हरी दिखाई देती हैं परन्तु तिरछे या कोण से देखने पर नीले रंग में लिखी हुई दिखाई देती हैं।
नोट पर भाषाएँ
भारतीय रुपये के नोट के भाषा पटल पर भारत की 22 सरकारी भाषाओं में से 15 में उनका मूल्य मुद्रित है। ऊपर से नीचे इनका क्रम इस प्रकार है – असमिया, बंगला, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु और उर्दू।
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